Class 10 Hindi | Chapter 11: नौबतखाने में इबादत | Objective Questions with Answers | Bihar Board 2025

 

📚 कक्षा 10 हिंदी | अध्याय 11: नौबतखाने में इबादत | Objective Questions सहित संपूर्ण विश्लेषण

Bihar Board Class 10 Hindi (Godhuli Bhag 2) Chapter 11 - नौबतखाने में इबादत एक ऐसा नाटक है जो इमरजेंसी जैसे गंभीर राजनीतिक दौर में लेखन, अभिव्यक्ति और लेखक की अंतरात्मा की आवाज़ को सामने लाता है। इस लेख में हम इस अध्याय के सार, विषयवस्तु, पात्रों का विश्लेषण, और सभी महत्वपूर्ण Objective Questions को उत्तर सहित प्रस्तुत करेंगे।


🔹 अध्याय का परिचय

'नौबतखाने में इबादत' बिहार बोर्ड की कक्षा 10 हिंदी पुस्तक गोधूलि भाग 2 का ग्यारहवां अध्याय है। यह एक नाटक है जो इमरजेंसी काल की पृष्ठभूमि पर आधारित है। नाटक में एक लेखक की व्यथा, उसकी अभिव्यक्ति की आज़ादी, और सत्ता के दमन की नीति को तीखे व्यंग्यात्मक रूप में प्रस्तुत किया गया है।


🔸 लेखक की पीड़ा और संदेश

इस नाटक के माध्यम से यह बताया गया है कि जब सत्ता अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कुचलने लगती है, तब लेखक के लिए लेखन ही उसकी इबादत बन जाता है।
"नौबतखाना" यहाँ सत्ता का प्रतीक है और "इबादत" लेखन और सच्चाई की आवाज़ की प्रतीक है।
लेखक सत्ता के डर से चुप नहीं बैठता, बल्कि वह अपने कलम से सच्चाई बयान करता है — और यही उसका अपराध बन जाता है।


🧑‍🤝‍🧑 मुख्य पात्र

  1. लेखक – नाटक का केंद्रीय पात्र, जो अभिव्यक्ति की आज़ादी के लिए संघर्ष करता है।

  2. सज्जाद – एक डरा हुआ लेखक, जो सत्ता की नाराज़गी से बचने के लिए अपने विचार छुपाता है।

  3. प्रेमचंद, फिराक आदि का संदर्भ – लेखन के प्रतीक रूप में प्रयोग हुए हैं।


🎯 महत्वपूर्ण विषयवस्तु

  • इमरजेंसी के समय का दमनात्मक माहौल

  • लेखक की अंतरात्मा की आवाज़

  • कलम की ताकत और समाज पर उसका प्रभाव

  • सत्ता बनाम सृजनात्मकता

  • अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता


📘 Objective Questions (MCQs) – उत्तर सहित

  1. 'नौबतखाने में इबादत' किस विधा की रचना है?
    ✔️ उत्तर: नाटक

  2. नाटक की पृष्ठभूमि क्या है?
    ✔️ उत्तर: इमरजेंसी काल

  3. 'नौबतखाना' का प्रतीकात्मक अर्थ क्या है?
    ✔️ उत्तर: सत्ता और नियंत्रण का स्थान

  4. नाटक में किसे 'लिखने की बीमारी' कहा गया है?
    ✔️ उत्तर: लेखक को

  5. सज्जाद किसका प्रतीक है?
    ✔️ उत्तर: डरे हुए, आत्मसमर्पण किए लेखक का

  6. लेखन को किससे जोड़ा गया है?
    ✔️ उत्तर: आत्मा की आवाज़ से


🔍 परीक्षा के लिए क्यों महत्वपूर्ण है यह अध्याय?

बिहार बोर्ड कक्षा 10 के छात्रों के लिए यह अध्याय न केवल साहित्यिक दृष्टिकोण से बल्कि समाज और राजनीति की समझ के लिए भी जरूरी है। यह विद्यार्थियों को यह समझने में मदद करता है कि साहित्य केवल कल्पना नहीं, बल्कि सामाजिक परिवर्तन का माध्यम भी है।


💡 लेखन शैली की विशेषताएँ

  • व्यंग्यात्मक और आलोचनात्मक दृष्टिकोण

  • संवादात्मक शैली

  • प्रतीकों का सुंदर प्रयोग

  • गंभीर विषय को सरल भाषा में प्रस्तुत करना


📌 बोर्ड परीक्षा की दृष्टि से टिप्स

  • लेखक के दृष्टिकोण को समझें।

  • नाटक में प्रयुक्त प्रतीकों पर ध्यान दें – जैसे "नौबतखाना", "इबादत", "बीमारी"।

  • Objective Questions को ध्यानपूर्वक याद करें।

  • उत्तर लिखते समय संवादों के भाव समझें।


अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

Q1: ‘नौबतखाना’ का प्रतीकात्मक महत्व क्या है?

उत्तर: यह सत्ता का केंद्र है, जहाँ से हर बात नियंत्रित होती है। लेखक इसी सत्ता के सामने सच्चाई की इबादत करता है।

Q2: लेखक के लेखन को बीमारी क्यों कहा गया?

उत्तर: क्योंकि वह लगातार सत्य लिखने से खुद को रोक नहीं पाता — यह उसकी लत या इबादत बन जाती है।

Q3: यह अध्याय हमें क्या सिखाता है?

उत्तर: सच्चाई बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करना ही असली लेखन है।


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📢 निष्कर्ष (Conclusion)

'नौबतखाने में इबादत' एक प्रेरणादायक नाटक है, जो न केवल साहित्यिक सुंदरता प्रस्तुत करता है, बल्कि छात्रों को सोचने, समझने और साहसी बनने की प्रेरणा देता है। यदि आप बिहार बोर्ड 2025 की परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, तो इस अध्याय को गहराई से पढ़ें और इसके सभी Objective Questions को ध्यान से याद करें।



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