Application kaise likhe : किसी भी शिकायत की आवेदन पत्र कैसे लिखें
जब भी हमें किसी के खिलाफ किसी अधिकारी से शिकायत करनी होती है या हमें किसी मंत्री और ऑफिसर के लिए समस्या बतानी होती है तब हमें एक लिखित एप्लीकेशन देनी होती है। एप्लीकेशन को लिखने समय आपको बहुत ही बातों को ध्यान में रखना होता है।
Note :- आपको जानकार यह खुशी होगी कि अगर इस Format को समझ लेते हो तो फिर किसी भी प्रकार के Application लिखने में कोई दिक्कत नहीं होगी
Table of Contents
- Application kaise likhe
- एप्लीकेशन के भाग
- Application ke Format Hindi
- Application demo
- Application लिखने सम्बंधित कुछ जरुरी बातें
- FAQ
Application kaise likhe
किसी भी समस्या या शिकायत के लिए जब आप एक एप्लीकेशन लिखते हैं तो आपको उसमे बहुत सी बातों को ध्यान में रखना चाहिए , ताकि आप जिस भी समस्या या शिकायत के लिए वो आवेदन लिख रहे हैं, प्राप्तकर्त्ता भी उसे वैसे ही समझ सके। तो मैंने एक अच्छी एप्लीकेशन को ध्यान में रखते हुए उसे 4 भागो में बताया हूं। इन्ही चार भागो को ध्यान में रख कर आप किसी के लिए भी कोई भी एप्लीकेशन लिख सकते हैं।Parts of application
पत्र मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं:(इससे हमेसा एप्लीकेशन के दायी तरफ लिखा जाता है)
आपका प्राथी/प्रार्थिनी
............निवेदक का नाम
.....निवेदक का हस्ताक्षर
गांव
आपके बेहतर समझ के लिए एक Application(आवेदन) दिया गया हैं जो कि ऊपर दिए गए फॉर्मेट पर आधारित हैं जरूर पढ़िए
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Example 1 :- अपने थाना प्रभारी के पास एक पत्र (Application) लिखिए जिसके माध्यम से मोटरसाइकिल चोरी हो जाने पर थाने में F.I.R दर्ज कराये?
सेवा में,
श्री मान, थाना प्रभारी,
नरकटिया गंज)_
विषय- मोटरसाइकिल चोरी हो जाने पर प्राथमिकी दर्ज करने के सन्दर्भ में।
महाशय,
सविनय निवेदन यह है की मै आपके थाना क्षेत्र के ग्राम- शिवराज पुर बेतिया का निवासी हु सूचित करना है की आज दिनांक 24/12/2024 को सुबह में 11 बजे, मै सब्जी मंडी से सब्जी लेने गया था और मै सब्जी मंडी के बाहर अपनी मोटर साइकिल लगाकर मै सब्जी लेने चला गया और कुछ देर बाद जब मै सब्जी लेकर वापस अपने मोटर साइकिल के पास गया जहा पर मैंने मोटर साइकिल खड़ी की थी तो वाहा पर मेरा मोटर साइकिल नहीं था और मै वाहा के लोगो से पूछ-ताछ की तथा आस- पास देखा लेकिन मेरी मोटर साइकिल नहीं मिली। तब जाकर मुझे लगा की मेरा मोटर साइकिल चोरी हो गया है।
मेरे मोटर साइकिल का न0 BR22NO01723 है और मेरा मोटर साइकिल Hero Hona कंपनी का है और ये Black कलर का है। मेरा मोटर साइकिल चोरी हो जाने के वजह से मै मानसिक और आर्थिक रूप से काफी परेशान हु।
अंतः श्रीमान से प्राथना है की मेरे मोटर साइकिल चोरी की प्राथमिकी दर्ज करते हुए। मेरे मोटर साइकिल बरामदी हेतु प्रशासनिकी कार्यवाही करने कि असीम कृपा की जाए।
इसके लिए मैं आपका आजीवन आभारी रहूँगा।
Date 24/12/2024
आपका भवदीय/ प्राथी
नाम :- नीरज कुमार
गांव :- xyz पुर
प्रखंड :- xyz
मोबाईल No :- 1234567890
मोटर्स साईकिल नो :- BR22NO01723
Example 2 :- आपके इलाके मेंजलजमाव एक समस्या बन गयी है. समस्या को उजागर करते हुए नगरनिगम को एक पत्र लिखें और यदि संभव हो तो समाधान सुझाएं ?
सेवा में,नगर आयुक्त/ नगर प्रबंधक/ कार्यपालक अधिकारी
नगर निगम बेत्तिया ( बिहार )
विषय- जलभराव से उत्पन्न समस्या के निदान हेतु पत्र
महोदय
मैं निरज , लौरिया नगर निगम वार्ड नंबर 5 का निवासी हूं। इस पत्र के माध्यम से आपको अवगत कराना चाहता हूं कि मोहल्ला शिवराज पुर में जल निकासी की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण यहां के निवासियों को जलभराव की समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
पिछले कुछ दिनों से सीवर लाइन्स में अनेक पॉलिथीन, बोटल व नियमित सफाई न होने के कारण सीवर लाइन सुचारू रूप से काम नहीं कर रही है। जिस कारण सड़कों पर नालियों का पानी बहता रहता है। सड़कों पर जमा हो रहे पानी से उसमें मक्खी, मच्छर आदि पनप रहे हैं जिस कारण कई संक्रमित बीमारियों के फैलने का खतरा बना हुआ है।
अतः महोदय जी आपसे निवेदन है कि आप मोहल्ले की सीवर लाइन की नियमित सफाई करवाएं ताकि सीवर में किसी प्रकार का कचरा ना अटके।
आशा करता हूं कि आप जल्द ही इस समस्या से हमे और हमारे मोह्हले वासियों को मुक्त कराएंगे। आपके द्वारा की गई उचित कार्यवाही से शिवराज पुर की समस्त जनता आपकी आभारी रहेगी।
धन्यवाद!
आपका भवदीय
निरज कुमार
अनौपचारिक पत्र कैसे लिखें
अनौपचारिक-पत्र लिखते समय ध्यान रखने योग्य बातें :
(i) भाषा सरल व स्पष्ट होनी चाहिए।
(ii) पत्र लेखक तथा प्रापक की आयु, योग्यता, पद आदि का ध्यान रखा जाना चाहिए।
(iii) पत्र में लिखी बात संक्षिप्त होनी चाहिए।
(iv) पत्र का आरंभ व अंत प्रभावशाली होना चाहिए।
(v) भाषा और वर्तनी-शुद्ध तथा लेख-स्वच्छ होना चाहिए।
(vi) पत्र प्रेषक व प्रापक वाले का पता साफ व स्पष्ट लिखा होना चाहिए।
(vii) कक्षा/परीक्षा भवन से पत्र लिखते समय अपने नाम के स्थान पर XYZ तथा पते के स्थान पर कक्षा/परीक्षा भवन लिखना चाहिए।
(viii) अपना पता और दिनांक लिखने के बाद एक पंक्ति छोड़कर आगे लिखना चाहिए।
(ix) पत्र में काट छांट नही होनी चाहिए।
Types of Informal Letter in Hindi हिंदी पत्र लेखन में अनौपचारिक पत्रों में निम्नलिखित प्रकार के पत्र रखे जा सकते है.
जैसे :-
1- बधाई पत्र
2- शुभकामना पत्र
3- निमंत्रण पत्र
4- विशेष अवसरों पर लिखे गये पत्र
5- सांत्वना पत्र
6- किसी प्रकार की जानकारी देने के लिए
7- कोई सलाह आदि देने के लिए
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अनौपचारिक-पत्र का प्रारूप
1. पता- सबसे ऊपर बाईं ओर प्रेषक (पत्र भेजने वाले) का नाम व पता लिखा जाता है।
2. दिनांक- जिस दिन पत्र लिखा जा रहा है, उस दिन की तारीख।
3. विषय- (सिर्फ औपचारिक पत्रों में, अनौपचारिक पत्रों में विषय का प्रयोग नहीं किया जाता है |)
4. संबोधन- प्रापक (जिस व्यक्ति को पत्र लिखा जा रहा है) के साथ संबंध के अनुसार संबोधन का प्रयोग किया जाता है। (जैसे कि बड़ों के लिए पूजनीय, पूज्य, आदरणीय आदि के शब्दों का प्रयोग किया जाता है और छोटों के लिए प्रिय, प्रियवर, स्नेही आदि का प्रयोग किया जाता है।)
5. अभिवादन- जिस को पत्र लिखा जा रहा है उसके साथ संबंध के अनुसार, जैसे कि सादर प्रणाम, चरण स्पर्श, नमस्ते, नमस्कार, मधुर प्यार आदि |
6. मुख्य विषय- मुख्य विषय को मुख्यतः तीन अनुच्छेदों में विभाजित करना चाहिए।
पहले अनुछेद की शुरुआत कुछ इस प्रकार होनी चाहिए- “हम/मैं यहाँ कुशल हूँ, आशा करता हूँ कि आप भी वहाँ कुशल होंगे।”
दूसरे अनुच्छेद में जिस कारण पत्र लिखा गया है उस बात का उल्लेख किया जाता है।
तीसरे अनुछेद में समाप्ति से पहले, कुछ वाक्य अपने परिवार व सबंधियों के कुशलता के लिए लिखने चाहिए। जैसे कि- “मेरी तरफ से बड़ों को प्रणाम, छोटों को आशीर्वाद व प्यार
आदि”।
7. समाप्ति- अंत में प्रेषक का सम्बन्ध जैसे- आपका पुत्र, आपकी पुत्री, आपकी की भतीजी आदि”।
अनौपचारिक-पत्र की (आरम्भ में लिखे जाने वाले आदरपूर्वक शब्द), अभिवादन में किन शब्दों का प्रयोग करना चाहिए-
(1) अपने से बड़े आदरणीय संबंधियों के लिए-
प्रशस्ति – आदरणीय, पूजनीय, पूज्य, श्रद्धेय ..... आदि।
अभिवादन – सादर प्रणाम, सादर चरणस्पर्श, सादर नमस्कार आदि।
समाप्ति – आपका बेटा, पोता, नाती, बेटी, पोती, नातिन, भतीजा ( अर्थात आपसे उस व्यक्ति का जो संबंध हैं उसे लिखें).........आदि।
(2) अपने से छोटों या बराबर वालों के लिए-
प्रशस्ति – प्रिय, चिरंजीव, प्यारे, प्रिय मित्र....... आदि।
अभिवादन – मधुर स्मृतियाँ, सदा खुश रहो, सुखी रहो, आशीर्वाद आदि।
समाप्ति – तुम्हारा, तुम्हारा मित्र, तुम्हारा हितैषी, तुम्हारा शुभचिंतक आदि
(प्रेषक-लिखने वाले का पता)
अनौपचारिक पत्र लिखने का फॉर्मेट
दिनांक ……………….
संबोधन ……………….
अभिवादन ……………….
पहला अनुच्छेद ………………. (कुशल-मंगल समाचार)
दूसरा अनुच्छेद ……….. (विषय-वस्तु-जिस बारे में पत्र लिखना है)
तीसरा अनुच्छेद ……………. (समाप्ति)
प्रापक के साथ प्रेषक का संबंध
भेजने वाले का नाम …………….
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Example :- (विशेष अवसरों पर लिखे गए पत्र)
चाचा को जन्मदिन के उपहार का धन्यवाद करने के लिए पत्र लिखें-
लौरिया मिश्री टोला,जिला - बेतिया , West Champaran , बिहार।
दिनांक 25.12.2024
चरणस्पर्श चाचा जी,
मैं यहां पर कुशल मंगल हूँ, और आशा करता हूँ कि आप भी वहां कुशल होंगे। आदरणीय चाचा जी पिछले सप्ताह मेरा जन्मदिन था और मुझे वह पत्र प्राप्त हुआ जिसमें आपने न आने का कारण बताया था, मैं उस बात को लेकर बहुत ही ज्यादा नाराज हूँ। मैं आपके आने की उम्मीद लगाकर बैठा था और आपने न आकर सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया।
आपने उस पत्र के साथ मेरे जन्मदिन का उपहार भी भेजा था, हालांकि कोई भी उपहार आपकी मौजूदगी से ज्यादा शायद ही मुझे खुशी देता, लेकिन यह उपहार पाकर मैं बहुत ज्यादा खुश और संतुष्ट महसूस कर रहा हूं। चाचाजी आप यह जानते हैं कि मैं समय का कितना अधिक पाबन्द हूँ और इसलिए आपने यह घड़ी मुझे भेंट स्वरूप देकर, मेरे इरादों को और भी ज्यादा मजबूत किया है। आपकी यह घड़ी मुझे अनुशासन और समय के महत्व के बारे में सदैव बताती रहेगी। मैं यह घड़ी पाकर बहुत ज्यादा खुश हूं और यह प्रार्थना करता हूं कि मेरे अगले जन्मदिन पर आप भी मौजूद रहें।
चाची जी को चरण स्पर्श कहियेगा और नेहा और अभय को मेरा बहुत सारा स्नेह दीजिएगा। छुट्टियाँ होते ही मैं आप सभी से अवश्य ही मिलने आऊँगा।
आपका आज्ञाकारी भतीजा
Niraj Kumar
- बधाई पत्र की शुरुआत दोस्ताना अभिवादन से करें.
- बधाई पत्र में बधाई देने के साथ-साथ, उस व्यक्ति की उपलब्धि का उल्लेख करें.
- अपनी खुशी साझा करें.
- बधाई पत्र को गर्मजोशी भरे तरीके से खत्म करें.
- सरल बधाई कथनों को दोहराने से बचें.
- ज़्यादा विस्मयादिबोधक चिह्नों का इस्तेमाल न करें.
- किसी को बधाई पत्र लिखने का तरीका इस तरह हो सकता है:
- प्रिय मित्र, कक्षा में प्रथम स्थान आने की बधाई देना चाहता हूँ. आपकी मेहनत, उत्साह, और प्रतिबद्धता वास्तव में प्रेरणादायक है.
- प्रिय [मित्र का नाम], हर्ष और उत्साह के साथ, मैं आपको आपके जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं देना चाहता/चाहती हूँ.
- प्रिय मित्र, बैसाखी के त्योहार में आपका स्वागत है! आपको मेरी तरफ़ से हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं.
- पत्र की शुरुआत उस खास मौके का ज़िक्र करके करें जिसकी वजह से आपको पत्र लिखना पड़ा.
- प्राप्तकर्ता की उपलब्धियों और खासियतों की तारीफ़ करें.
- पत्र में सकारात्मक भाव रखें.
- पत्र संक्षिप्त और स्पष्ट रखें.
- पत्र में बेकार की बातें न लिखें.
- पत्र में हृदय के भाव स्पष्ट रूप से व्यक्त होने चाहिए.
- पत्र की भाषा सरल और शिष्ट होनी चाहिए.
- सरल बधाई कथनों को 2-3 वाक्यों से ज़्यादा न दोहराएं.
- बहुत ज़्यादा विस्मयादिबोधक चिह्नों का इस्तेमाल न करें.
अभी अभी तुम्हारा पत्र मिला , यह जानकर बहुत खुशी हो रही है कि तुम 25 अप्रैल को कनाडा जा रहे हो। बचपन से ही तुम विदेश आने का सपना देखा करते थे। अब बोलो सपना तुम्हारा साकार होने को आ रहा है। कनाडा जाने के लिए मेरे पूरे परिवार की तरफ से तुम्हें बहुत सारी शुभकामना और तुम्हारी यात्रा सफल रहे। वहां जाकर मुझे भूल मत जाना और पत्र लिखते रहना।
मेरे प्रिय मित्र [मित्र का नाम] , इस बात का हमेशा ध्यान रखना कि तुम भारतीय हो वहां जाकर अपनी सभ्यता और संस्कृति को भूल मत जाना। तुम जैसे हो वैसे ही रहना अपने स्वभाव और व्यवहार पर विदेशी प्रभाव को पढ़ने मत देना। हार्दिक शुभकामना।
तुम्हारा मित्र
[अपना नाम लिखें]
Thank You